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1\. संगीत मनोवृत्ति पर प्रभाव डालता है
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हम सभी जानते हैं कि संगीत हमारे मन को बदलने का प्रभाव रखता है। एक ऊर्जावान गाना सुनने से हम में मोटीवेशन की भावना उत्पन्न होती है जबकि एक दुखद गाना हमें उदास और निराश पने की भावना देता है। आपके लिए जो ध्यान दिलाता है कि संगीत का यह प्रभाव आपके दिनचर्या को कैसे प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन में 2011 के अनुसार, लोगों को एक टास्क दिया गया जहां वे अलग-अलग संगीत सुनते हुए एक पेपर पर हैपी या सैड फेस को चुनने के लिए रेजल्ट देखा गया। उसमें देखा गया कि सैड संगीत सुनने पर सैड फेस को ज्यादा करते हुए लोग हैपी फेस को चुनते हैं, जबकि हैपी संगीत सुनने पर समय लोग हैपी फेस को चुनते हैं। इससे पता चलता है कि आपके मस्तिष्क को आपकी आवाज के साथ समान चीजों का असर होता है। ऊर्जावान संगीत सुनने के समय आपकी मदद करती है और सॉफ्ट संगीत आपको फोकस करने में मदद करती है।
2\. डनिंग क्रूगर प्रभाव
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1999 में सामाजिक मनोविज्ञानी ने यह खोज की थी कि बुद्धिमान लोग हमेशा अपनी क्वालिटी बीलो औसत इंसान के तरीके से ट्रीट करती है। उन्हें हमेशा ये लगता है कि ज़्यादा बेहतर है इसलिए अगर वे अपने आप को संतुष्ट नहीं करते तो वो हमेशा ये लगता है कि उनकी क्षमता पर संदेह करते हैं। उन्हें अपने ज्ञान पर आवेदनीयता के बारे में भी दोबारा सोचने की क्षमता फर्जी है। इसका उदाहरण देने के लिए आपका अक्सर तो देखा ही होगा जो दोस्त आपके एग्जाम की तैयारी में आपको कुछ नहीं पढ़ाता वो बिल्कुल प्रिपेयर हो जाता है। जबकि वो आपके अंक सता जब कहता है कि मेरा एग्जाम अच्छा गया मुझसे ज्यादा बेहतर है। इसलिए अगर आप ऐसा टाइम पर अपना फेवरेट सॉन्ग प्ले करके सिंग करते हैं तो आपके मस्तिष्क में एन्डोर्फिन और ऑक्सीटोसिन रिलीज होनेलगती है जो अच्छे मूड बढ़ती है और स्ट्रेस को कम कर देती है। यह आपकी हार्ट रेट और कोर्टिज़ोल स्तर को लो कर देती है जिससे आपको कैल्म और कॉन्फिडेंट महसूस होती है।
3\. मौन की शक्ति
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अगर आप किसीके साथ अच्छी बातचीत करते समय उनकी बॉडी लैंग्वेज या कुछ ऐसे बर्ताव को कॉपी करने लगें तो वो आप पर तुरंत विश्वास बनेगा। जैसे जैसे बात करते जाओ उनकी कुछ भावनाएं को मिरर करो। अगर उनकी कुछ भावनाएं गलत कर रही हों तो अब से वो उनकी जैसे ही बात करेंलगें। इससे आप अब से उनको जानकारी शेयर करने में ज्यादा सक्षम महसूस करेंगे क्योंकि आपसे वेषाले व्यक्ति को कंफिडेंट और स्मार्ट फील करेगा और इंट्रेस्ट शो करेगा। आपको अब यह सोचना होगा कि किसीभी व्यक्ति के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए उसके साथ बात करते समय उनकी बॉडी लैंग्वेज को मिरर करें।
4\. मल्टीटास्किंग की संभावना कम होती है
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हमारे मस्तिष्क में एक समय पर सिर्फ एक चीज पर फोकस करने की क्षमता होती है। कई बार जब हम दो काम एक साथ करते हैं तो हमें लगता है कि असलकता होगा जब बीच कामों के बीच अपना फोकस शिफ्ट कराओते होंगे। हम चलते चलते एक दूसरे से बात करते हैं क्योंकि ये बहवियोर्स ऑटोमेटिक और ऑटोपायलट मोड से होते हैं। वहीं ऐसे टास्क जिनमें बहुत ज्यादा फोकस करना चाहिए, उस समय सच में अपना फोकस केवल एक ही विकल्प पर करो। जो अबकी दिक्कत के लिए मेरा उत्तर हो। अगर आप चाहते हो कि आप किसी चीज पर फोकस करो तो बस ये बोलने की बजाय के जाओ पर्दों में। एक चाय की चुनौती अभी भी पहली है। येही आप देखेंगे कि व्यक्ति आपकी सामकी ओपन होने में स्ट्रगल करता है यानी फीलिंग्स को छिपाता है। इस टाइम पर इंफोर्मेशन निकालने के लिए केवल अच्छे सवाल पूछा ओर कुछ थे साइलेंट हो जाओ। क्योंकि किसी भी कन्वर्सेशन कब साइलेंट अच्छा लगता जस्ट एवॉय्ड करने का कारण होता है। या अबसे क्रॉस प्रश्न पूश नहीलेकते ही या अबसे क्रॉस प्रश्न पूशनेका लगता है। जिससे टालमटोल करने की जगह सारी जानकारी शेयर करने लगता है या अबसे व्हायजी बचें लमक कहता है कि जवाब करतालि। लाइक इन, सब्सक्राइब बटन दबाने का इच्छुक हैं।
5\. सूरज की शक्ति
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सूरज की रौशनी हमें शांति देती है और हमारे मूड को बेहतर बनाती है। ये तथ्य चिकित्सा शास्त्र में देखा जाता है कि धूप का सीधा सम्पर्क बोन की स्थायित्विकता का योगदान देता है। ये सूर्य प्रकाश से प्राप्त होने वाला विटामिन डी मूड स्टेबिलाइज़र की तरह कार्य करता है या हमारे मस्तिष्क में प्लेज़रेबल हार्मोन्स को रिलीज़ करता है या ये देखा गया है कि धूप वाले देशों में डिप्रेशन के ज़्यादा संकेत देखे जाते हैं। तो अगर आपको ये वीडियो अच्छी लगी तो वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब बटन दबा कर इस चैनल को ग्रो करने की कोशिश करो और बेल नोटिफिकेशन ऑन कर लेजिएगा आने वाली वीडियोस मिस ना करपाएंगे। धन्यवाद।